आज विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग काॅलेज लखनपुर में...
|संपादक¦अविनाश¦यादव|
आज विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग काॅलेज लखनपुर में एन.एस.एस. की स्थापना दिवस (24/09/19) के उपलक्ष्य में दोपहर 03.00 बजे से काॅलेज के सेमिनार हाॅल में विभिन्न आयोजन किए जाएंगे।
इन आयोजनों के माध्यम से छात्रों में एन एस एस के प्रति जागरूकता फैलानें के उद्देश्य से एन एस एस फाउंडेशन डे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
- आईए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें...
राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme-NSS) राष्ट्र की युवा शक्ति के व्यक्तित्व विकास हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक सक्रिय कार्यक्रम है।
इसके गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थी, समाज के लोगों के साथ मिलकर समाज के हित के कार्य करते है।
साक्षरता संबंधी कार्य, पर्यावरण सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सफाई आपातकालीन या प्राकृतिक आपदा के समय पीड़ीत लोगों की सहायता आदि।
विद्यार्थी जीवन से ही समाजोपयोगी कार्यों में रत रहने से उनमें समाज सेवा या राष्ट्र सेवा के गुणो का विकास होता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत प्रमुख गतिविधियां:-
1. राष्ट्रीय एकता शिविर: राष्ट्रीय एकता शिविर (एनआईसी) हर साल आयोजित किया जाता है और प्रत्येक शिविर की अवधि दिन-रात (आना जाना और रुकना) के साथ 7 दिन का होता है।
2. साहसिक कार्यक्रम: ये कार्यक्रम हर साल आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लगभग 1500 राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों द्वारा भाग लिया जाता है, जिनमें से कम से कम 50% स्वयंसेवक लड़कियां होती हैं। ये शिविर उत्तरी पूर्व क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश और हिमालयी क्षेत्र में आयोजित किए जाते हैं।
3. गणतंत्र दिवस परेड शिविर: शिविर हर साल 1 से 31 जनवरी के बीच दिल्ली में होता है। एनएसएस का यह दल राजपथ पर नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होता है।
4. राष्ट्रीय युवा महोत्सव: देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारों के सहयोग से राष्ट्रीय युवा महोत्सव हर साल 12 से 16 जनवरी तक भारत सरकार के युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाता है।
4. राष्ट्रीय युवा महोत्सव: देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारों के सहयोग से राष्ट्रीय युवा महोत्सव हर साल 12 से 16 जनवरी तक भारत सरकार के युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाता है।
एनएसएस के उद्देश्य :-
1. जिस समुदाय में काम कर रहे हैं, उसे समझना।
2. समुदाय की समस्याओं को जानना और उन्हें हल करने के लिए उनको शामिल करना।
3. सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना का विकास करना।
4. समूह स्तर पर जिम्मेदारियों को बांटने के लिए आवश्यक क्षमता का विकास करना।
5. आपातकाल और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उनको विकसित करना।
6. राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का अभ्यास करना।
7. नेतृत्व गुणों और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण को प्राप्त करना।
8. सामुदायिक भागेदारी को जुटाने के कौशल को प्राप्त करना।